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वर्ण व्यवस्था

  संसार/दुनिया  में अपितु सब कुछ एक की उपस्थिति को प्रमाणडित करता है,  जिसे  प्रत्येक ही लोग जिसका गुणज्ञान करते है " वह है ईश्वर " धर्म एक है और  प्रत्येक ही किसी न किसी धार्मिक विचारधाराओं से जुड़ा है यद्यपि प्रत्येक ही को इस बात का  पता है कि नास्तिक एवं आस्तिक दोनों का बोध मात्र एक से है, ईश्वर है।   विश्व समाज में  वर्तमान समय द्वापर युग का 324 वर्ष चल रहा है।   The Holy Science /  कैवल्यदर्शनम,  पुस्तक जिसके रचयिता ज्ञानावतार स्वामी श्री युक्तेश्वर जी है।  इस किताब की भूमिका में श्री स्वामी जी अपने गुरु के गुरु अमर  महाअवतार बाबाजी के आदेश का पालन करते हुए समय गति (मनु संहिता ) का विवरण किया है अपितु आज भी अज्ञानी समाज वास्तविकता से पूर्णता अनभिज्ञ है और वास्तव को मात्र संकुचित दृष्टि से देख पा रहा है। फिर भी यह ब्लॉग पेज उन सभी जन को  असत्य - सत्य  से  बताएगा की किस प्रकार सभी मानव जनों को स्पष्ट अनुभव का भान हो और इस सामान्य सी बात जो समय का सतत प्रमाण करता है कि वर्तमान युग वास्तविक द्वापर युग है।   यद्यपि मनु संहिता में  जिसका समय में स्पष्ट रूप से बताया गया है की